नवरात्रि शरद नवरात्रि सितंबर से आरंभ 2025 – जानें पूजा की तारीखें, देवी के नौ रूप, उपवास का महत्व और पूरे भारत में नवरात्रि उत्सव का धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व।

नवरात्रि शरद नवरात्रि सितंबर से आरंभ – उत्सव की शुरुआत
भारत त्योहारों की भूमि है और यहाँ हर माह किसी न किसी पर्व का आयोजन होता है। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है नवरात्रि, जो साल में दो बार आती है – चैत्र (मार्च–अप्रैल) और शरद (सितंबर–अक्टूबर)।
नवरात्रि शरद नवरात्रि 22 सितंबर से आरंभ होने वाली है और पूरे देश में इस पर्व को देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के रूप में मनाया जाता है।
नवरात्रि 2025 की तारीखें
शरद नवरात्रि 2025 की शुरुआत सितंबर माह में होगी और इसका समापन दशहरे या विजयादशमी के साथ होगा। इस दौरान नौ दिन तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है:
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
नवरात्रि का धार्मिक महत्व
नवरात्रि शरद नवरात्रि सितंबर से आरंभ होने के साथ ही पूरे वातावरण में भक्ति और आस्था की लहर दौड़ जाती है। मान्यता है कि इस समय साधना और व्रत करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- भक्त व्रत रखते हैं
- घरों और मंदिरों में देवी स्थापना होती है
- गरबा और डांडिया उत्सव का आयोजन होता है
- दशहरे पर भगवान राम की रावण पर विजय का उत्सव मनाया जाता है
नवरात्रि और उपवास का महत्व
नवरात्रि व्रत केवल धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
- बदलते मौसम में शरीर को डिटॉक्स करने का मौका मिलता है।
- सात्विक भोजन (फल, दूध, सूखे मेवे) से स्वास्थ्य लाभ होता है।
- मानसिक शांति और आत्म-नियंत्रण की साधना होती है।
नवरात्रि का सांस्कृतिक पहलू
नवरात्रि शरद नवरात्रि सितंबर से आरंभ होते ही भारत के कई राज्यों में सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हो जाती है।
- गुजरात में डांडिया और गरबा की धूम रहती है।
- पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडालों की अद्भुत सजावट देखने को मिलती है।
- उत्तर भारत में रामलीला और दशहरा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
2025 में नवरात्रि का विशेष महत्व
2025 की शरद नवरात्रि खास होगी क्योंकि यह केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन पूजा, भजन और कथा का भी आनंद लेंगे।
निष्कर्ष
नवरात्रि शरद नवरात्रि सितंबर से आरंभ होने वाली है और यह पर्व शक्ति, भक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक है। चाहे व्रत-उपवास हों या डांडिया-गरबा, नवरात्रि हर किसी के जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करती है।
👉 इस बार आप भी नवरात्रि को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएँ और मां दुर्गा से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
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